आपाणो राजस्थान
AAPANO RAJASTHAN
AAPANO RAJASTHAN
धरती धोरा री धरती मगरा री धरती चंबल री धरती मीरा री धरती वीरा री
AAPANO RAJASTHAN

आपाणो राजस्थान री वेबसाइट रो Logo

राजस्थान रा जिला रो नक्शो
(आभार राजस्थान पत्रिका)

Home Gallery FAQ Feedback Contact Us Help
आपाणो राजस्थान
राजस्थानी भाषा
मोडिया लिपि
पांडुलिपिया
राजस्थानी व्याकरण
साहित्यिक-सांस्कृतिक कोश
भाषा संबंधी कवितावां
इंटरनेट पर राजस्थानी
राजस्थानी ऐस.ऐम.ऐस
विद्वाना रा विचार
राजस्थानी भाषा कार्यक्रम
साहित्यकार
प्रवासी साहित्यकार
किताबा री सूची
संस्थाया अर संघ
बाबा रामदेवजी
गोगाजी चौहान
वीर तेजाजी
रावल मल्लिनाथजी
मेहाजी मांगलिया
हड़बूजी सांखला
पाबूजी
देवजी
सिद्धपुरुष खेमा बाबा
आलमजी
केसरिया कंवर
बभूतौ सिद्ध
संत पीपाजी
जोगिराज जालंधरनाथ
भगत धन्नौ
संत कूबाजी
जीण माता
रूपांदे
करनी माता
आई माता
माजीसा राणी भटियाणी
मीराबाई
महाराणा प्रताप
पन्नाधाय
ठा.केसरीसिंह बारहठ
बप्पा रावल
बादल व गोरा
बिहारीमल
चन्द्र सखी
दादू
दुर्गादास
हाडी राणी
जयमल अर पत्ता
जोरावर सिंह बारहठ
महाराणा कुम्भा
कमलावती
कविवर व्रिंद
महाराणा लाखा
रानी लीलावती
मालदेव राठौड
पद्मिनी रानी
पृथ्वीसिंह
पृथ्वीराज कवि
प्रताप सिंह बारहठ
राणा रतनसिंह
राणा सांगा
अमरसिंह राठौड
रामसिंह राठौड
अजयपाल जी
राव प्रतापसिंह जी
सूरजमल जी
राव बीकाजी
चित्रांगद मौर्यजी
डूंगरसिंह जी
गंगासिंह जी
जनमेजय जी
राव जोधाजी
सवाई जयसिंहजी
भाटी जैसलजी
खिज्र खां जी
किशनसिंह जी राठौड
महारावल प्रतापसिंहजी
रतनसिंहजी
सूरतसिंहजी
सरदार सिंह जी
सुजानसिंहजी
उम्मेदसिंह जी
उदयसिंह जी
मेजर शैतानसिंह
सागरमल गोपा
अर्जुनलाल सेठी
रामचन्द्र नन्दवाना
जलवायु
जिला
ग़ाँव
तालुका
ढ़ाणियाँ
जनसंख्या
वीर योद्धा
महापुरुष
किला
ऐतिहासिक युद्ध
स्वतन्त्रता संग्राम
वीरा री वाता
धार्मिक स्थान
धर्म - सम्प्रदाय
मेले
सांस्कृतिक संस्थान
रामायण
राजस्थानी व्रत-कथायां
राजस्थानी भजन
भाषा
व्याकरण
लोकग़ीत
लोकनाटय
चित्रकला
मूर्तिकला
स्थापत्यकला
कहावता
दूहा
कविता
वेशभूषा
जातियाँ
तीज- तेवार
शादी-ब्याह
काचँ करियावर
ब्याव रा कार्ड्स
व्यापार-व्यापारी
प्राकृतिक संसाधन
उद्यम- उद्यमी
राजस्थानी वातां
कहाणियां
राजस्थानी गजला
टुणकला
हंसीकावां
हास्य कवितावां
पहेलियां
गळगचिया
टाबरां री पोथी
टाबरा री कहाणियां
टाबरां रा गीत
टाबरां री कवितावां
वेबसाइट वास्ते मिली चिट्ठियां री सूची
राजस्थानी भाषा रे ब्लोग
राजस्थानी भाषा री दूजी वेबसाईटा

राजेन्द्रसिंह बारहठ
देव कोठारी
सत्यनारायण सोनी
पद्मचंदजी मेहता
भवनलालजी
रवि पुरोहितजी

लक्ष्मणदान कविया रा दूहा



गांवां गत गुजरांण री, बिरखा ऊपर बात।
मिलै न काल मजूरिया, सूख रया सुख साथ।।401।।

घर घाटी दुखड़ा घणी, माटी काल मठोठ।
चुकै न कोई चुसकवै, सह लेवै खा सोट।।402।।

काल मांय कातीसरै, काम मजूरां केत।
आई जिसी अंवेर नै, खाली करदै खेत।।403।।

बिरखा झडियां भूलगा, मास भादवै मांय।
अत चिंता मजूदर अर, किरसांणां अकाय।।404।।

बिरखा ऊपर आसरौ, खेतीहर मजदूर।
कांई करै कमाइयां, पड़ियौ काल करुर।।405।।

सूखौ भादव संचरै, भूखा ढांढा ढौर।
मन फीकौ मजदूर रौ, कटै कालजै कौर।।406।।

नाडी रीती नीर नी,ि जल तूठार तलाव।
कीकर दिनड़ा कढस्यां, सुस्त मजूरां साव।।407।।

अड़गी साखां ऊमरै, नाहक कियौ निनांण।
बचियौ दुखड़ौ भादवै, जीव मजूरां जांण।।408।।

टलगा सलगा टांकणा, आस गई आसोज।
बिन बिरखा भीतर बलै, चीख मजूरां चोज।।409।।

इला लगै अलखांवणी, बिरखा दिन बिडरूप।
मुख उथरै मजदूरियां, धुड़ आसोजी धूप।।410।।

बिन फल दीधा धान बस, साखां गई ज सूख।
हुवा मजूर किरसांण हद, चित सूं चेता चुक।।411।।

ग्वांरफली गतरस गई, फाल मूंग ना मोठ।
बिन सिट्यां गी बाजरी, चित मजूदरां चोट।।412।।

कठै न देखी काकड़़ी, मिलै न दरस मतीर।
टुलगी किण दिस टींडसी, फूलै काल फकीर।।413।।

आं दिन करता देनगी, पूरी वड़ियां पूछ।
काल मांय कातीसरै, घली मजूरां गूंच।।414।।

साख सावणू सूखगी, ऊन्हालू इदकार।
पांणी गयौ पाताल मे, पांणत पड़ै न पार।।415।।

कांम करण जास्यां कठै, वड़िया करै विचार।
गहूं चिणा रुत रायड़ै, सरस न जीरै सार।।416।।

रात रुखालै रोझड़ा, सूनी गाय सताय।
आंख लागता आयनै, मैंणत धूड़ मिलाय।।417।।

आखै मालिक ओलबा, मून सुणै मजदूर।
दोरी करणी देनगी, नित मुख उतरै नूर।।418।।

घाटौ सोटौ भुगत घर, सुख ना लेस सरुर।
मिनख जमारै मांयनै, मती करी मजदूर।।419।।

घण दुख गम्पी ग्वार री, तूंतड़ कम्पी ताय।
लेणी दोरी लावणी, खार चिणा रौ खाय।।420।।

मोली हुयगी मरुधरा, काल भुगत कुजरेल।
दुखी बिचारा देनग्या, गत किरसांणां गेल।।421।।

धान भाव सुणियां धकै, कुसै मजूरां कांन।
मुसकिल इब मोलावणा, उचक चढै असमांन।।422।।

तित छोडा किम तेल री, साग मेल इण साथ।
मूंघा लहसण मिरचियां, हलदी धांणा हाथ।।423।।

चारौ मूंघौ चरण नै, घर नीं वड़ियां गाय।
धीणा बिन जीवै धरा, महत गरीबी मांय।।424।।

मूंघी भैस्यां मोकली, (नी) मजूर सकै मुलाय।
घर लायां बकरी घणी, कोकल कोड कराय।।425।।

अध पांणी भेलर अवस, देवै मूंघौ दूध।
मिलवै भाव मजूरियां, साहूकार लै सूद।।426।।

लोलो भूखी लूंग ला, बौत करै बोबाड़।
काठी भूखी काल में, (ताई) खूंटी देय उखाड़।।427।।

टीप न कच्चा टापरां, फिर बागा चोफेर।
बड़ै रेत मिल वायरौ, हाल मजूरां हेर।।428।।

काल मांय घण कीड़ियां, तावै नीर ताकात।
बड़ै रोटियां बिसतरां, छींकै टिमची छात।।429।।

तावै दिनरा तावड़ौ, हुवै रात हूड़ास।
काल मजूरी करण नैं, खुड़ौ छोड़वै खास।।430।।

दर ई कोनी देनगी, गांव कुजरबौ काल।
सहरां वड़िया सांकड़ा, पेट भरण पंपाल।।431।।

सारै सड़कां सोण री, लागी लम्बी लैंण।
जाय सहर में जोयलौ, घर धरती छत गैंण।।432।।

खुल्ला चुल्ला नांय खुस, रोट बणावै रोज।
काल खोसियौ कांमणी, चित मजदूरां चोज।।433।।

भटक'र सहरां बारणै, लाय बलीतौ लांण।
नितरौ जिम्मौ नारियां, बेसक रोट बणाय।।434।।

तपिया बिसतर तावड़ै, तपियौ वासण तौर।
तपियौ मन मजूदर तन, दिन तपियौ धण दौर।।435।।

कलजल पांणी कारणै, करवै निसदिन कैड़।
लड़ै लुगायां लैंण नैं, हाजर पांणी हैड़।।436।।

सौराई धन सांपरत, ज्यां घर साधन जौर।
जीवै जूंण मजूरियां, दुखड़ौ कालां दौर।।437।।

सारौ कम सरकार रौ, रांम जाय जद रुठ।
मिनख मजूरां मांजनौ, काल काढ दै कूट।।438।।

कलखांना दोरा किता, मील फेक्टरी मोल।
धंधा मंद काल घर, गजब गूंथियौ घोल।।439।।

गवाड़ी
गाढापणौ गवाड़ियौ, आडा दुख में आय।
मतलबिया मजदूर कम, रिदै हेजली राय।।440।।

मैंणत कर कर मोकली, सोटौ भुगत सवाय।
तोई कच्चौ टापरौ, बेसक जूंण बिताय।।441।।

झूपड़पट्टी जुगत सूं, लखियै लेणौ लैंण।
गिणत गरीब गवाड़ियां, निरख मजूरां नैंण।।442।।

ढकबा सिर ऊपर ढलै, मैण्यां हूंत मकांन।
तावड़ सरदी तावणा, छोकी इणसूं छांन।।443।।

टाटपटी रा टापरा, खाट टूटगी खूंद।
घेरै विपत गवाड़ियां, मजदूरां चख मूंद।।444।।

नखै धिधकती नालियां, गली सांकडी गूंण।
सैंगद हुयगा सूग रै, जांण मजूरां जूंण।।445।।

मांचा टूट्या पर मिलै, सोय गवाड़़ी सैंण।
धूजत कफ रा पांसतौ, डचका न्हांखै डैंण।।446।।

बाबौ धांसै बारणै, कोकल मांही कूक।
कलझल करती कांमणी, भाल गवाड़ी भूख।।447।।

पड़ियौ कचरौ पागती, धिधग सूग ना ध्यांन।
टाबरियां री टोलियां, मांडै रमत मिझांन।।448।।

बहतौ पांणी अधबिचै, दटगौ नाली दौर।
रुकियौ इणसूं रासतौ, गुजरत करै न गौर।।449।।

गंदा पांणी रा घणा, छांटा उछल छकांण।
आतां जातां पट अवस, नैड़ा पड़ै निसांण।।450।।

कचरौ घर सूं काढ नैं, फटकै देवै फैंक।
धिरी गवाड़ी गंदगी, बणगी कचरा बैंक।।451।।

गिनरत नहीं गवाड़ियां, पूरी करै पुकार।
बेसक किणी प्रभाव बिन, सुणै नहीं सरकार।।452।।

गंद मजूर गवाड़ियां, पूरी करै पुकार।
बेसक किणी प्रभाव बिन, सुणै नहीं सरकार।।453।।

ऊखरड़ी अदबीच में, ठौड़ बाग री ठाय।
चमगूंगौ हुय जाय चित, मिनख गरीबी मांय।।454।।

नीर भरंती नारियां, लागै टूट्यां लैंण।
लड़ती अड़ती लाग में, बोलै भूंडा बैंण।।455।।

आगै धरिया ऊपरै, दै रख ऊपर दोय।
भिड़त भजावै भारियां, खपकै लेवै खोय।।456।।

आय भिड़ै नल ऊपरै, आखा घरै उडीक।
गिगन पुगाई गालियां, पूर गवाड़ी पीक।।457।।

झूपै थम्बा ना जठै, लुटवां बिन लाईट।
मोला भुगत मजुरियां, रात अंधारी रीट।।458।।

बिजली वाला धन वसू, फोरा देवै फेस।
पढ ना सकै पढेसरी, दुक मजूर इण देस।।459।।

पांवण वोटां पीक पथ, धाय मजूरां धांम।
गरज निकलिया ना गिनर, करै न नेता कांम।।460।।

मांदगी
लाग्या लाखूं लोगड़ा, मील फेक्टरी मांय।
भांत भांत रा दुख भुगत, जुगत जमारौ जाय।।461।।

कलखांना मांही किती, मोकल थई मजूर।
धंधा रहिया ना धरा, बेकारी भरपूर।।462।।

मीलां मांय मसीर री, गहरी व्है गरमास।
वप कीटाणा जा वड़ै, साथै सांसो सांस।463।।

रंजी कपड़ मील री, अडै सरीरां आय।
कस मैंणत इण कारणै, झट मोला पड़ जाय।।464।।

मील फेक्टरी मांयनै, सोरा आय न सास।
माथै दरदत मजूर रौ, गैड़ चढै गरमास।।465।।

मांगै ताकत मोकली, खांवण कमी खुराक।
मुसकिल निभै मजूरियां, थावर ज्यावै थाक।।466।।

कामगरां बीड़ी करां, आफल चास अनेक।
लेवै मोल बिमारियां, पटक गला में पेक।।467।।

हेवा पीवण होयगा, संगत भूंडी साज।
बैमारी तन वापरै, कुमत मजूरां काज।।468।।

पार सरीरा ना पड़ै, हार मानली हाथ।
गाडौ अडै मजूर घर, सुण कुण देवै साथ।।469।।

मोटो ताव मलेरियौ, लगै मजूरां लार।
मूंघी दवा मोलायनै, आधी लाय उधार।।470।।

धंधौ चालौै बेधड़क, खोट दवायां खूब।
रिसवत कारण नी रुकै, माड़ा नर मनसूब।।471।।

मरवै कई मजूरिया, खोट दवायां खाय।
नकली दवा बणाणियां, हां लागैला हाय।।472।।

मांचौ पकड़ै मांदगी, पावै नांय पगार।
दुख दोरप मजदूर दन, सांचा हुवै सवार।।473।।

पीसौ नांही पास में, भोगै दुख भरपूर।
पूरौ हुयगौ पर वसू, माचौ पकड़ मजूर।।474।।

तितना छोडण तेवड़ै, मालिक खोटौ मील।
हाजर बेगौ होण हित, जोरां करै जलील।।475।।

रांम भरोसो राखियौ, करी दवायां कार।
त्यार पुन्य परताप ती, जोइन करली जार।।476।।

सुख साता पूछण सबै, लोंकै बांधी लीक।
बैन भुवा अर बेटियां, साख तणी लै सीख।।477।।

मोटी लाग्यां मांदगी, माडी गत मजदूर।
आसा नहीं इलाज री, नाणां बिन नासूर।।478।।

राजतणा मजदूर रस, केई सारै काज।
बिल मेडिकल बगस नै, आछौ हुवै इलाज।।479।।

कायी हुयगी कांमणी, दवा अलेखूं देय।
साजन दिन दिन सूखवै, लाज हरी मत लेय।।480।।

खान जिका नर खोदवै, तकड़ी पड़वै तांण।
हांण हुवै उण हाल में, मिलै खुराक न खांण।।481।।

तन सूखै मन तरसवै, फिर फिर भाटा फोड़।
खांवण मिली खुराक नीं, रोग लेय तन रोड़।।482।।

आंगण भरियौ आवगौ, टाबरियां री टोल।
कंत बिमारी कारणै, मजदूरण मन मोल।।483।।

डाकी केई डाकटर, फिर फिर फीस फसाय।
देख मजूरां री दसा, अंतर दया न आय।।484।।

दुखी कमाऊ देख नैं, मून थई मा बाप।
म्हनै बेग उठायलौ, अंतरजांमी आप।।485।।

छोटा टींगर छोल में, रमत मचावै रोल।
सीर साख सूं नासमझ, टाबरियां री टोल।।486।।

मत दीजै मजदूर नैं, बड़ी बिमारी भाग।
जीवण मुसकिल जीवमौ, उर तीज न अनुराग।।487।।

चिणाव
चार बरस चुलिया नहीं, नेता मौज नजीक।
चेतै देख चिणाव नैं, पूर मजूरां पीक।।488।।

मौ'लो बडौ मजूरियां, जिकी गवाड़ी जाड।
मुखिया सूं आयर मिलै, कड़क नोट दै काढ।।489।।

सैन मांय समझावणा, नेता गत नख नेत।
बडा बडा भरमायनै, बस हुयगा बेचेत।।490।।

तिकड़क कर तरसिंघझी, गरज गवाड़ी घोल।
पूरी चित में पारटी, छाक मजूरां छोल।।491।।

बरस पांच भेलौ कियौ, धन नेता धनवांन।
दपटाऊ खरचा दहै, मौज चिणावां मांन।।492।।

मांनै नहीं मुनीम रौ, केम्प मांय कंट्रोल।
मजदूरां हित मोकला, खाता दीन खोल।।493।।

पल पल पीय'र पैगिया, सुट खांचै सिगरेट।
सूंस जीम न मजूर सुध, पूगै घर भर पेट।।494।।

चोट चाल बिसरै चितां, खोटा गोता खाय।
मन बिकणा मजदूरियां, दारू वोट दिराय।।495।।

बड़ता घरां चिणाव बस, कांमण गाल कढाय।
फलां पारटी रौ फरज, दै अर वोट दिराय।।496।।

मत रौ मैतव मोकलौ, मन जांणै न मजूर।
अणपढिया ससता अधिक, बिक जावै भरपूर।।497।।

जिका समझ छै जांणवै, औ बड मत अधिकार।
फसै न नेता फंद में, दरस दलाली द्वार।।498।।

देय चकारा रात दिन, आय परा ऐजेन्ट।
मन चंगा मजदूरिया, भूल न लेवै भेट।।499।।

कायल घायल कुरसियां, कथनी बडी कमाल।
पण करणी नेतां पखौ, गजब फुलावै गाल।।500।।

पन्ना 5

 

 आपाणो राजस्थान
Download Hindi Fonts

राजस्थानी भाषा नें
मान्यता वास्ते प्रयास
राजस्तानी संघर्ष समिति
प्रेस नोट्स
स्वामी विवेकानद
अन्य
ओळख द्वैमासिक
कल्चर साप्ताहिक
कानिया मानिया कुर्र त्रैमासिक
गणपत
गवरजा मासिक
गुणज्ञान
चौकसी पाक्षिक
जलते दीप दैनिक
जागती जोत मासिक
जय श्री बालाजी
झुणझुणीयो
टाबर टोली पाक्षिक
तनिमा मासिक
तुमुल तुफानी साप्ताहिक
देस-दिसावर मासिक
नैणसी मासिक
नेगचार
प्रभात केसरी साप्ताहिक
बाल वाटिका मासिक
बिणजारो
माणक मासिक
मायड रो हेलो
युगपक्ष दैनिक
राजस्थली त्रैमासिक
राजस्थान उद्घोष
राजस्थानी गंगा त्रैमासिक
राजस्थानी चिराग
राष्ट्रोत्थान सार पाक्षिक लाडली भैंण
लूर
लोकमत दैनिक
वरदा
समाचार सफर पाक्षिक
सूरतगढ़ टाईम्स पाक्षिक
शेखावटी बोध
महिमा भीखण री

पर्यावरण
पानी रो उपयोग
भवन निर्माण कला
नया विज्ञान नई टेक्नोलोजी
विकास की सम्भावनाएं
इतिहास
राजनीति
विज्ञान
शिक्षा में योगदान
भारत रा युद्धा में राजस्थान रो योगदान
खानपान
प्रसिद्ध मिठाईयां
मौसम रे अनुसार खान -पान
विश्वविद्यालय
इंजिन्यिरिग कालेज
शिक्षा बोर्ड
प्राथमिक शिक्षा
राजस्थानी फिल्मा
हिन्दी फिल्मा में राजस्थान रो योगदान

सेटेलाइट ऊ लीदो थको
राजस्थान रो फोटो

राजस्थान रा सूरमा
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
आप भला तो जगभलो नीतरं भलो न कोय ।

आस रे थांबे आसमान टिक्योडो ।

आपाणो राजस्थान
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अ: क ख ग घ च छ  ज झ ञ ट ठ ड ढ़ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल वश ष स ह ळ क्ष त्र ज्ञ

साइट रा सर्जन कर्ता:

ज्ञान गंगा ऑनलाइन
डा. सुरेन्द्र सिंह पोखरणा, बी-71 पृथ्वी टावर, जोधपुर चार रास्ता, अहमदाबाद-380015,
फ़ोन न.-26925850, मोबाईल- 09825646519, ई-मेल--sspokharna15@yahoo.com

हाई-टेक आऊट सोर्सिंग सर्विसेज
अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्षर् समिति
राजस्थानी मोटियार परिषद
राजस्थानी महिला परिषद
राजस्थानी चिन्तन परिषद
राजस्थानी खेल परिषद

हाई-टेक हाऊस, विमूर्ति कोम्पलेक्स के पीछे, हरेश दुधीया के पास, गुरुकुल, अहमदाबाद - 380052
फोन न.:- 079-40003000 ई-मेल:- info@hitechos.com